परिचय
भारत के डिजिटल कंटेंट क्रिएटर समुदाय में हाल ही में एक बड़ी बहस छिड़ गई है। प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) पर आरोप है कि वह यूट्यूबर्स के वीडियो पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाकर उनसे भारी रकम की मांग कर रही है। इस विवाद की शुरुआत यूट्यूबर मोहक मंगल द्वारा किए गए एक वीडियो से हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एएनआई ने उनके चैनल पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई और फिर स्ट्राइक हटाने के लिए ₹45–50 लाख की मांग की। इस घटना ने अन्य कंटेंट क्रिएटर्स को भी प्रभावित किया है, और अब यह मामला एक व्यापक बहस का विषय बन गया है।Reddit
इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस पूरे विवाद की गहराई से जांच करेंगे, कानूनी पहलुओं को समझेंगे, और यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या यह वास्तव में कॉपीराइट का मामला है या फिर डिजिटल एक्सटॉर्शन का एक नया रूप।
मुख्य विवाद: मोहक मंगल बनाम एएनआई
मोहक मंगल का आरोप
लोकप्रिय यूट्यूबर मोहक मंगल, जिनके चैनल “Soch by Mohak Mangal” के 4 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं, ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि एएनआई ने उनके दो वीडियो पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई। पहले वीडियो में उन्होंने कोलकाता रेप केस पर चर्चा की थी, जिसमें 11 सेकंड का एएनआई फुटेज शामिल था। दूसरे वीडियो में, जो “ऑपरेशन सिंदूर” पर आधारित था, उन्होंने 9 सेकंड का एएनआई फुटेज इस्तेमाल किया था। मोहक का दावा है कि इन दोनों वीडियो में एएनआई के फुटेज का उपयोग “फेयर यूज़” के तहत किया गया था। हालांकि, एएनआई ने इन वीडियो पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई और फिर स्ट्राइक हटाने के लिए ₹45–50 लाख की मांग की।
अन्य यूट्यूबर्स की स्थिति
मोहक मंगल अकेले नहीं हैं जिन्हें एएनआई की ओर से ऐसी मांगों का सामना करना पड़ा है। “The Reporters’ Collective” की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई अन्य यूट्यूबर्स को भी एएनआई ने कॉपीराइट स्ट्राइक भेजी है और स्ट्राइक हटाने के लिए ₹15–18 लाख तक की मांग की है। कुछ मामलों में, यूट्यूबर्स ने मजबूरी में यह रकम चुकाई है ताकि उनका चैनल डिलीट न हो जाए।
कानूनी पहलू: फेयर यूज़ बनाम कॉपीराइट उल्लंघन
फेयर यूज़ क्या है?
भारतीय कॉपीराइट कानून के तहत, “फेयर यूज़” एक ऐसा प्रावधान है जो किसी व्यक्ति को सीमित मात्रा में कॉपीराइटेड सामग्री का उपयोग करने की अनुमति देता है, बशर्ते कि वह उपयोग समीक्षा, समाचार रिपोर्टिंग, शिक्षा या अनुसंधान जैसे उद्देश्यों के लिए हो। हालांकि, यह प्रावधान स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
एएनआई का पक्ष
एएनआई का कहना है कि वह अपने कॉपीराइट अधिकारों की रक्षा कर रही है और यूट्यूबर्स द्वारा बिना अनुमति के उनके फुटेज का उपयोग करना कानून का उल्लंघन है। एएनआई का यह भी तर्क है कि यदि यूट्यूबर्स उनके फुटेज का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें उचित लाइसेंसिंग शुल्क का भुगतान करना चाहिए।
यूट्यूब की नीति
यूट्यूब की नीति के अनुसार, यदि किसी चैनल को तीन कॉपीराइट स्ट्राइक मिलती हैं, तो वह चैनल स्थायी रूप से डिलीट हो सकता है। इस नीति का लाभ उठाकर कुछ कॉपीराइट धारक यूट्यूबर्स पर दबाव बनाते हैं कि वे स्ट्राइक हटाने के लिए भुगतान करें।
डिजिटल क्रिएटर समुदाय की प्रतिक्रिया
इस विवाद के बाद, कई यूट्यूबर्स और डिजिटल क्रिएटर्स ने एएनआई की इस नीति की आलोचना की है। ट्रिनमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने भी यूट्यूब इंडिया को पत्र लिखकर एएनआई की इस कार्रवाई को “एक्सटॉर्शन” करार दिया है और इस पर कार्रवाई की मांग की है।
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर #StopDigitalExtortion जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां लोग एएनआई की इस नीति के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।
निष्कर्ष
एएनआई और यूट्यूबर्स के बीच का यह विवाद केवल कॉपीराइट उल्लंघन का मामला नहीं है, बल्कि यह डिजिटल स्पेस में फेयर यूज़, फ्री स्पीच और कंटेंट क्रिएटर्स के अधिकारों की एक बड़ी बहस का हिस्सा है। जब तक इस मुद्दे पर स्पष्ट कानूनी दिशा-निर्देश नहीं होते, तब तक ऐसे विवाद सामने आते रहेंगे।
क्या आप एक कंटेंट क्रिएटर हैं? अपने अनुभव और विचार हमारे साथ साझा करें और इस महत्वपूर्ण बहस का हिस्सा बनें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: एएनआई ने मोहक मंगल पर कॉपीराइट स्ट्राइक क्यों लगाई?
A: मोहक मंगल ने अपने दो वीडियो में एएनआई के फुटेज (9–11 सेकंड) का उपयोग किया था, जिसे एएनआई ने बिना अनुमति के उपयोग मानते हुए कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई।
Q2: क्या यह फेयर यूज़ के अंतर्गत आता है?
A: मोहक मंगल का दावा है कि यह फेयर यूज़ के अंतर्गत आता है, क्योंकि उन्होंने समीक्षा और समाचार रिपोर्टिंग के उद्देश्य से सीमित मात्रा में फुटेज का उपयोग किया। हालांकि, एएनआई इस दावे से सहमत नहीं है।
Q3: एएनआई ने स्ट्राइक हटाने के लिए कितनी राशि की मांग की?
A: रिपोर्ट्स के अनुसार, एएनआई ने मोहक मंगल से स्ट्राइक हटाने और दो साल के लाइसेंस के लिए ₹45–50 लाख की मांग की।
Q4: यूट्यूब की कॉपीराइट स्ट्राइक नीति क्या है?
A: यूट्यूब की नीति के अनुसार, यदि किसी चैनल को तीन कॉपीराइट स्ट्राइक मिलती हैं, तो वह चैनल स्थायी रूप से डिलीट हो सकता है।
Q5: क्या अन्य यूट्यूबर्स को भी एएनआई से ऐसी मांगों का सामना करना पड़ा है?
A: हां, “The Reporters’ Collective” की रिपोर्ट के अनुसार, कई अन्य यूट्यूबर्स को भी एएनआई ने कॉपीराइट स्ट्राइक भेजी है और स्ट्राइक हटाने के लिए ₹15–18 लाख तक की मांग की है।
Q6: क्या एएनआई की यह कार्रवाई कानूनी है?
A: एएनआई का दावा है कि वह अपने कॉपीराइट अधिकारों की रक्षा कर रही है, जबकि यूट्यूबर्स का कहना है कि यह फेयर यूज़ के अंतर्गत आता है। यह मामला कानूनी विशेषज्ञों और अदालतों के विचाराधीन है।
Q7: इस विवाद का समाधान कैसे हो सकता है?
A: इस विवाद का समाधान स्पष्ट कानूनी दिशा-निर्देशों, यूट्यूब की नीति में सुधार, और कॉपीराइट धारकों और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच संवाद के माध्यम से हो सकता है।