परिचय
भारत के डिजिटल क्रिएटर समुदाय में हाल ही में एक बड़ी हलचल मची है। प्रसिद्ध यूट्यूबर और नीति विश्लेषक मोहक मंगल ने समाचार एजेंसी ANI पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि ANI ने उनके यूट्यूब वीडियो में 9 से 11 सेकंड की क्लिप्स के उपयोग को लेकर कॉपीराइट स्ट्राइक जारी की और फिर इन स्ट्राइक्स को हटाने के लिए ₹45–50 लाख की मांग की। मोहक का कहना है कि यह सिर्फ कॉपीराइट का मामला नहीं, बल्कि एक प्रकार की “हफ्ता वसूली” है।
इस विवाद ने भारत में कॉपीराइट कानून, फेयर यूज़, और डिजिटल क्रिएटर्स के अधिकारों पर एक नई बहस छेड़ दी है। मोहक ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के समक्ष उठाया है, और कई अन्य यूट्यूबर्स ने भी उनके समर्थन में आवाज़ उठाई है।
मुख्य विवाद: क्या है मामला?
ANI की ओर से कॉपीराइट स्ट्राइक
मोहक मंगल ने दो वीडियो में ANI की क्लिप्स का उपयोग किया था:
- कोलकाता रेप केस पर 16 मिनट के वीडियो में 11 सेकंड की ANI फुटेज।
- ऑपरेशन सिंदूर पर 38 मिनट के वीडियो में 9 सेकंड की ANI फुटेज।
इन दोनों वीडियो पर ANI ने कॉपीराइट स्ट्राइक जारी की। यूट्यूब की नीति के अनुसार, तीन स्ट्राइक्स के बाद चैनल स्थायी रूप से हटाया जा सकता है।
₹50 लाख की मांग
मोहक का दावा है कि ANI ने आठ वीडियो पर स्ट्राइक्स लगाई हैं और उन्हें हटाने के लिए ₹45–50 लाख की मांग की है। इसके अलावा, ANI ने एक या दो साल की “सब्सक्रिप्शन फीस” के रूप में अतिरिक्त राशि की मांग की। मोहक ने इस बातचीत की रिकॉर्डिंग और ईमेल्स भी साझा किए हैं।
फेयर यूज़ या कॉपीराइट उल्लंघन?
भारतीय कॉपीराइट कानून में “फेयर डीलिंग” की अवधारणा है, जो शिक्षा, समाचार रिपोर्टिंग, और समीक्षा के लिए सीमित उपयोग की अनुमति देती है। मोहक का कहना है कि उनका उपयोग इसी श्रेणी में आता है। हालांकि, ANI का दावा है कि कोई भी उपयोग, चाहे वह 9 सेकंड का ही क्यों न हो, अनुमति के बिना कॉपीराइट उल्लंघन है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
अन्य यूट्यूबर्स का समर्थन
मोहक के समर्थन में कई प्रमुख यूट्यूबर्स सामने आए हैं:
- ध्रुव राठी ने कहा, “पूरा समर्थन। ANI एक एक्सटॉर्शन रैकेट चला रही है।”
- थगेश ने भी ANI की नीतियों की आलोचना की।
- ज़ुबैर ने यूट्यूब CEO और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
मोहक ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर इस मुद्दे में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2024 के क्रिएटर समिट का हवाला देते हुए कहा कि क्रिएटर्स को “डिजिटल एंबेसडर” कहा गया था, और ऐसे में उन्हें धमकाना उचित नहीं है।
निष्कर्ष
मोहक मंगल और ANI के बीच का यह विवाद भारत में डिजिटल क्रिएटर्स के अधिकारों, फेयर यूज़, और कॉपीराइट कानून की व्याख्या को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस की ओर इशारा करता है। यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित प्राधिकरण इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करें, ताकि क्रिएटर्स बिना डर के अपनी अभिव्यक्ति जारी रख सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. मोहक मंगल और ANI के बीच विवाद क्या है?
मोहक मंगल ने ANI पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके यूट्यूब वीडियो में 9 से 11 सेकंड की क्लिप्स के उपयोग को लेकर कॉपीराइट स्ट्राइक जारी की और फिर इन स्ट्राइक्स को हटाने के लिए ₹45–50 लाख की मांग की।
2. क्या यह फेयर यूज़ के अंतर्गत आता है?
भारतीय कॉपीराइट कानून में “फेयर डीलिंग” की अवधारणा है, जो शिक्षा, समाचार रिपोर्टिंग, और समीक्षा के लिए सीमित उपयोग की अनुमति देती है। मोहक का दावा है कि उनका उपयोग इसी श्रेणी में आता है।
3. ANI की प्रतिक्रिया क्या रही है?
अब तक ANI ने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।LawChakra
4. अन्य यूट्यूबर्स का क्या कहना है?
कई प्रमुख यूट्यूबर्स जैसे ध्रुव राठी, थगेश, और ज़ुबैर ने मोहक के समर्थन में आवाज़ उठाई है और ANI की नीतियों की आलोचना की है।
5. सरकार से क्या अपेक्षा की जा रही है?
मोहक और अन्य क्रिएटर्स ने सरकार से इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने और डिजिटल क्रिएटर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करने की मांग की है।